अचानक तुम

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अचानक तुम,  जैसे बारिश चाहती हो तुमसे मिलना,  हवाएं चाहती हो तुम्हें ढूंढना,  यादें चाहती हो तुम्हारे साथ खेलना,  चाय चाहती हो तुम्हें टपरी पर बुलाना,  अचानक तुम,  ख़त हैं आज ...

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